आगाज.
साधारणतया मौन अच्छा है,
किन्तु मनन के लिए .
जब शोर हो,
चारो ओर सत्य के हनन के लिए,
तब तुम्हे अपनी बात ज्वलन्त शब्दों में कहनी चाहिए.
सिर कटाना पडे या न पडे,
तैय्यारी तो उसकी रहनी चाहिए .
--भवानी प्रसाद मिश्र
वैश्वीकरण एक प्रतिक्रांति है .क्रांति जीवन के हर पहलू में सकारात्मक बदलाव लाती है.प्रतिक्रांति भी जीवन के हर पहलू को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करती है.
साधारणतया मौन अच्छा है,
किन्तु मनन के लिए .
जब शोर हो,
चारो ओर सत्य के हनन के लिए,
तब तुम्हे अपनी बात ज्वलन्त शब्दों में कहनी चाहिए.
सिर कटाना पडे या न पडे,
तैय्यारी तो उसकी रहनी चाहिए .
--भवानी प्रसाद मिश्र
प्रस्तुतकर्ता अफ़लातून पर 9:40 pm
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