कविता : इतिहास में जगह : राजेन्द्र राजन
वे हर वक्त पिले रहते हैं
इतिहास में अपनी जगह बनाने में
सिर्फ उन्हें मालूम है
कितनी जगह है इतिहास में
शायद इसीलिए वे एक दूसरे को
धकियाते रहते हैं हर वक्त
उनकी धक्कामुक्की
मुक्कामुक्की से बनता है
उनका इतिहास
इस तरह
इतिहास में अपनी जगह बना
लेने के बाद
वे तय करते हैं
इतिहास में दूसरों की जगह
जो इतिहास में उनकी बतायी
हुई जगह पर
रहने को राजी नहीं होते
उन्हें वे रह रहकर
इतिहास से बाहर कर देने की धमकियाँ देते हैं
उनकी धमकियों का असर होता है
तभी तो इतिहास में
उचित स्थान पाने के इच्छुक
बहुत-से लोग
जहां कह दिया जाता है
वहीं बैठे रहते हैं
कभी उठकर खड़े नहीं होते ।
- राजेन्द्र राजन
स्रोत : सामयिक वार्ता/जनवरी २००८
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